रविवार, 18 मई 2014

अतिसमन्वयवादिता से देश को मुक्ति दिलायेंगें मोदी-अनिल अया


अतिसमन्वयवादिता से देश को मुक्ति दिलायेंगें मोदी.
अनिल अयान.
सोलहवीं लोकसभा चुनाव परिणाम हम सब के सामने है.सारी योजनागत रणनीति ने अपने निष्कर्ष जनता के सामने रख दिया है.परिणाम यह खुलासा कर रहें है कि भाजपा राष्ट्रीय पार्टी के रूप अपना सर्वोत्तम देश को मोदी के माध्यम से सौंप दिया है.अन्य दल ऐडी चोटी का जोर लगाने के बाद भी मुंह ही खाकर जमीन में अपना अस्तित्व बनाये रखने के लिये जगह ढूँढ रहें है.इस लोक सभा चुनाव की सबसे बडी खासियत यह रही की वाक कुरुक्षेत्र का दौर हर चरण के चुनाव में चलता रहा.सारे नेता और जन प्रतिनिधि अपना अपना दांव पेंच आजमाने में दिन रात जुटे हुये थे.अंततः परिणामों ने यह साबित कर दिया कि मोदी केंद्रित एन डी ए ने ऐतिहासिक विजय हासिल करके देश को पुनः एकैक राजनीति में बाँध कर रख दिया है.
इस बार यह तो हर नागरिक को पता है कि नरेंद्र मोदी ही देश के प्रधानमंत्री बनेंगें इस दरमियान जनता जनार्दन की आगामी प्रधानमंत्री जी से अपेक्षायें बहुतायत हैं,युवा,बुजुर्ग,आम,खास,उद्योगपति,भाजपा के उनके टीम मेम्बर,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ.सभी की उम्मीदों के सितारे नरेंद्र मोदी देश के मुखिया बनने जारहें हैं.मोदी के विजय के पीछे चाहे जितने ही विनिंग फैक्टर काम किये हों.परन्तु जीत के बाद उनके विचार और सोचने का नजरिया भी अब केंद्रित हो गया है.इस बात का समर्थन देश ही नहीं वरन विदेश तक के प्रधानमंत्री और देशों के राष्ट्रपतियों ने किया है. विदेश नीतियों का कालचक्र जिस तरह चल रहा है अब उन नीतियों को परिवर्तित करने का समय आगया है.हमारा देश कई अनुपयोगी मुद्दों में विगत दस वर्षों से उलझा रहा है.उसमें एक मुद्रा का काफी भाग खर्च कर दिया गया.लेकिन परिणाम शून्य रहा.नरेंद्र मोदी जी का प्रधानमंत्री शासन काल इस बात का गवाह होगा की देश को अब किस दिशा में लेकर जाना है. विगत दस वर्षों से हमने अपने पडोसी देशों के प्रति ज्यादा ही अति समन्वयवादिता को दर्शाया है. परन्तु उसके परिणाम स्वरूप हमें सिर्फ घाव ही मिले हैं.हम सबको पता है कि मोदी का जितना घनिष्ट संबंध भारतीय जनता पार्टी से हैं उससे कहीं ज्यादा घनिष्ट संबंध राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से हैं. वो एक ईमान दार स्वयंसेवक हैं.जिनके रग रग में राष्ट्रवाद बहता है.जिसका कोई विकल्प कोई भी नहीं खोज सकता है. भारत का अस्तित्व इसी में है कि देश की विदेश नीति को बदलाव करके विकास नीति की तरफ मोडा जाये .गुजरात माडल और वाराणसी को आध्यात्मिक गढ बनाने की कवायद में तेजी लायी जाये. वरना हम सब जानते है कि यह जनता परिवर्तन की आदी हो चुकी है.मोदी मय हो चुके जनता के मनःस्थिति में अब मोदी ही हैं जो देश को पूर्णतः परिवर्तन के तीव्र वेग से चलायेंगें.घिघियाने और विनती करने की परंपरा को त्यागकर निर्णय और विकास हेतु विदेशों को आमंत्रण पर जोर दे सकते हैं.गुजरात माडल और गुजरात सरकार को चलाने वाले नरेंद्र मोदी के समय और दिन दोनो साथ साथ चलने के लिये तैयार हैं.जनता की वैचारिक पृष्ठभूमि में कदम रखने वाले मोदी को चाहिये कि वो देश को औद्योगिक विकास,सामाजिक विकास,आर्थिक विकास,वैचारिक विकास,और तत्पश्चात आध्यात्मिक विकास के पथ पर अग्रसर करें.देश को उस रास्तें में लेजाने की आवश्यकता है जहाँ अंतरिक कलह,क्षेत्रवाद,भाषावाद,जातिवाद,निम्नस्तरीय विचारशीलता से छुटकारा मिले और अनायास विदेशी शत्रुओं से डर की वजह से रक्षा मंत्रालय का अतिरिक्त व्यय रोका जाये जो कि शत्रुदेशों की आतंकवादी और घुसबैठी गतिविधियों को रोकने हेतु खर्च होता है.इसके लिये चाहे कोई भी कदम उठाने पडे.
देश में राजनीतिक दलों का भी एकत्रीकरण आवश्यक हैं.क्योंकि आज के समय में राजनीति करने वाले दल राजनीति छोड कर सीधे नालायकी में उतर कर अपना ध्वजारोहण करने में लगे हुये हैं.इसी लिये जनता को यह गठबंधन नागवार गुजरा,और पूर्ण बहुमत से जन प्रतिनिधियों को चुनकर संसद में भेजा ताकि कोई भी नियम कानून निर्णय के लिये बार बार विरोधी दलों के सामने घिघियाना और चिरौरी विनती ना करनी पडे कि समर्थन दे वरना सरकार गिर जायेगी. इस बार तो विपक्ष भी औपचारिक रूप से अधिकार हीनता का शिकार हो गया है. इन सब परिस्थियों में जनता को परिवर्तन की अपेक्षा ज्यादा है.और नरेंद्र मोदी को इसी परिवर्तन की आधारशिला रखना होगा.वरना आगामी पाँच वर्षों के बाद फिर से जनता को ही निर्णय लेना होगा.विकास की ओर देश को लेजाना,मंहगाई से निजात,युवाओं को सही कैरियर का मिलना.देश को आर्थिक रूप से सुदृण बनाना और अंतत बार बार काश्मीर और सीमा कब्जा जैसे नासूरों से हमेशा के लिये छुटकारा दिलाकर  देश का सर्वांगीण विकास भी कुछ ऐसे प्रमुख मुद्दे हैं जिसका जनता प्रधानमंत्री द्वारा स्थाई हल चाहती है.आने वाला समय बतायेगा कि मोदी सरकार और उसके सिपेसलार कितना उम्मीदों में खरे उतरते हैं.

नयी दिशा में कर गई अब सरकार प्रवेश.
अब मित्रो है देखना कहाँ जायेगा देश.


अनिल अयान,सतना
९४०६७८१०४०

कोई टिप्पणी नहीं: